Diwali in Hindi

हेलो दोस्तों, तो आज का आर्टिकल हमारा दिवाली के ऊपर है। आज हम आपको दिवाली, हिंदी में समझाएंगे।तो आइये अपने आर्टिकल की ओर चलते है।

दिवाली एक हिन्दू त्यौहार है। हिन्दू लोग हर वर्ष इस त्यौहार का बेसब्री से इंतज़ार करते है, क्यूंकि यह त्यौहार बहुत ही मान्यता रखता है हिन्दुओ में।

दिवाली को हम दीपावली के नाम से भी जानते है और इसको अक्सर लोग रौशनी का तोहार भी बोलते है। हम सभी जानते है की लोग इस दिन अपने अपने घरो में मंदिरो में दिए जलाते है और रौशनी फैलते है और अंधकार को दूर भागते है। दिवाली को अगर हम आध्यात्मिक कोण से देखे तो ये हमको सिखाती है की - ज्ञान की अज्ञानता पे जीत होती है।

दिवाली को हम हर साल कार्तिक माह में बनाते है और ये अक्सर दशहरा के 20 दिन बाद आती है। दिवाली को हम लगभग पांच दिनों तक बनाते है और इसकी शुरुवात धनतेरस से होती है। धनतेरस के बाद छोटी दिवाली और फिर दिवाली। और इसके बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज बनाते है। इस तरह पूरे पांच दिन हो जाते है। इन सभी पांच दिनों के बारे में हमने नीचे अच्छे से समझाया है। जिसे पढ़कर आप अच्छी जानकारी हासिल कर सकते हो।

धनतेरस

दिवाली का त्यौहार पांच दिन तक चलता है और धनतेरस उनमे से पहला दिन है और यही से दिवाली शुरू होती है। अगर हम देखे तो धनतेरस दो शब्दों से मिल कर बना है "धन" और "तेरस"। जहाँ धन का अर्थ संपत्ति और दौलत होता है वही तेरस का अर्थ कार्तिक महा के कृष्णा पक्ष के १३ चंद्र दिवस है। इस दिन हर इंसान अपने अपने घरो और दफ्तरो को साफ़ करते है। कुछ लोग अपने घर के दरवाजे के सामने फर्श पे रंगोली बनाते है और वही कुछ लोग फूलो  से सजाते है। धनतेरस के दिन हर इंसान कुछ नया जरूर खरीदता है जैसे की बर्तन, झाड़ू, गहने, गाड़ी, या कोई अन्य वास्तु जो घर में इस्तेमाल होती होये। शाम के समय में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और फिर प्रशाद के रूप में कुछ मीठा बाटते  है जैसे की बताशे या मिठाई।

छोटी दिवाली 

छोटी दिवाली को हम नरका चतुर्दशी भी बोलते है, और ये दिवाली के पांच दिनो में से दूसरा दिन मनाई जाती है।

बड़ी दिवाली

यही वो दिन है जिसका हर हिन्दू को हर साल बेसब्री से इंतज़ार रहता है। इसको हम लक्ष्मी पूजन के नाम से भी जानते है।
इस दिन घर के छोटे लोग अपने से बड़े लोगो से मिलते है और उनका आशीर्वाद लेते है पेरो को छुके। हिन्दू धर्म में कुछ भी बिना मतलब नहीं किया जाता है और पेर छूने की भी वजह होती जिस तरह हाथ जोड़ कर नमस्ते करने की वजह होती है। सब लोग एक दुसरे को उपहार बाटते है अगर वो देने लायक है। बिज़नेस वाले अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस देते है और कुछ खाने का आइटम देने की कोशिश करते है जैसे की मिठाई या मेवे।
शाम के समय में सब लोग नए नए कपड़े पहन कर तैयार होने लगते है और फिर उसके बाद लक्ष्मी पूजन की तैयारी में जुट जाते है। वैसे तो गणेशा और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है परन्तु साथ में किसी अन्य भगवान की भी पूजा की जा सकती है। पूजा में भगवानो की आरतियां गायी जाती है और उनपे मिठाई, खील, बताशे जैसे चीज़े चढ़ाई जाती है। पूजा के समय वहां पे घी और तेल के दिए जलाये जाते है और फिर उन्ही दियो घर के अलग अलग हिस्सों में रख दिया जाता है। ये सब होने के बाद सब लोग अपने अपने घरो से बहार निकलते है और एक दुसरे को मिठाइयां बाटते है और पटाके चलाके जसन मनाते है।

गोवर्धन पूजा

गोवर्धन पूजा हम बड़ी दिवाली के अगले दिन मनाते है। इससे जुड़ी अलग अलग कहानिया है जीमने से एक कृष्णा की है। जब इंद्र भगवान ने गुस्से में इतनी बारिश की सब तरफ पानी पानी हो गया तो कृष्णा भगवान ने गोवर्धन पहाड़ उठा उठा लिया था जिससे लोग और जानवर बच पाए। इस दिन पूजा में गाय के गोबर का इस्तेमाल होता है।

भाई दूज

दिवाली का आखिरी दिन भाई दूज के साथ मनाया जाता है। यह दिन भाई बहिन के रिश्ते को मानने के लिए है। इस दिन बहन अपने भाई के लिए पूजा करती है और उसे अपने हाथो से खिलाती है और सलामती के लिए कामना करती है, बदले में भाई अपनी बहन को कुछ भेंट में देता है। इस दिन को मनाने के पीछे कई कहानिया बताई जाती है जिसमे से एक भगवान कृष्णा से जुडी है। ऐसा कहते है की इस दिन कृष्णा नरकासुर को हरा कर अपनी बहन सुभद्रा के घर पहुंचे थे। जिस पर उनकी बहन ने उनके माथे तिलक लगा के स्वागत किया और हमेशा उनकी सलामती की कामना की।

दिवाली से होने वाले फायदे 

बिज़नेस के अवसर 

दिवाली से भारत में एक अच्छे बिज़नेस का माहौल बन जाता है। ये वो समय है जब हर कोई खरीददारी कर रहा होता है। लोग अपने लिए नए कपड़े खरीदते है, मिठाइयां खरीदते है, सोना खरीदते है, घरो के सामान खरीदते है और भी बहुत साडी वस्तुए खरीदते है। ये वो त्यौहार है जब गाँव में रहने वाले लोग भी खूब खरीददरी करते है। अगर हम देखे तो दिवाली की वजह से तकरीबन ३५,००० करोड़ की खरीददरी होती है, जिसका मतलब है दिवाली की वजह से बहुत अच्छे बिज़नेस अवसर पैदा होते है।

आपसी प्यार बने रहना

इंसानो के जीवन में त्योहारों का बहुत महत्व होता है। जायदातर त्यौहार लोगो को आपस में करीब लाते है, बिलकुल उसी तरह दिवाली भी लोगो को आपस में जोड़ता है। लोग आपस में मिलते है मिठाई और तोफहे बाटते है जिससे आपसे सम्बन्ध अच्छे बनते है। और साथ की साथ परिवार में भी प्यार बने रहता है, आपस में एक दुसरे के साथ समय बिताने के समय मिलता है।

दिवाली से होने वाले नुक्सान 

प्रदूषण

दिवाली के दिन बहुत जायदा पटाको का इस्तेमाल होने से पूरी हवा दूषित हो जाती है। इस बात ने कुछ साल पहले बहुत जायदा जोर भी पकड़ा था जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण बहुत जायदा होने से पटाके बेचने पे रोक लगा दी थी। दिवाली के समय Sulphur Dioxide  बहुत जायदा बढ़ जाती है, और साथ में Particulate Matter भी बहुत जायदा बढ़ जाते है जो की फेफड़ो के लिए बहुत ही जायदा नुक्सान दायक है।

पटाको से जल जाना 

हर साल दिवाली पे बहुत लोग पटाको की वजह से जल जाते है। कुछ बार तो पटाके ही ख़राब Quality के होते है ,वही कई बार लोगो की लापरवही की वजह से वो हादसे के शिकार हो जाते है। लोगो को बहुत ही सावधानी के साथ पटाको को जलाना चाइये। 

आग लग जाना 

दिवाली के आस पास अक्सर ऐसा पाया गया है की पटाको की दुकान या गोदाम में लापरवाही की वजह से आग लग जाती है और उसकी वजह से आज पास के एरिया को भी बहुत झेलना पड़ता है। और कई बार लोग गलत जगह और गलत तरह बसे पटाके चला देते है जिससे आग लग जाती है। तो हमे इन सब चीज़ो का थोड़ा ध्यान देना चाइये दिवाली के समय जिससे हादसे ताल सके।

आज क्या ज्ञान पाया 

तो आज के हमारे आर्टिकल "दिवाली इन हिंदी" जिसमे हमने दिवाली के बारे में सब कुछ हिंदी में जाना। हमने जाना की हम दिवाली क्यों मानते है, दिवाली कितने दिन मानते है, दिवाली में किसी पूजा करते है, दिवाली के फायदे और दिवाली के नुक्सान। जितना हो सका है हमने आपको बताने की कोशिश की है अगर फिर भी कुछ रह गया हो तो हमे कमेंट करे जरूर बताये।
मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को आज का आर्टिकल पसंद आया होगा। और अगर पसंद आया हो तो हमे फॉलो करे, धन्यवाद। उम्मीद करता हूँ फिर मिलेंगे आप लोगो से अगले आर्टिकल में।   
Rahul Singh
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